एआई से बने परिधानों का पहला फैशन शो और कॉन्क्लेव हुआ सूरत में

  • एआई से टेक्सटाइल जगत में नई क्रांति की शुरुआत…
  • ट्रेंड, डिमांड और ग्राहकों के वर्गीकरण का काम भी एआई से होगा
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से कपड़ा डिजाइनिंग सीख रहे युवा

सूरत. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए आई) के उपयोग की शुरुआत एशिया की सबसे बड़ी टेक्सटाइल सिटी सूरत में पिछले दिनों हो चुकी है। एआई से बनी 3D डिजाइनिंग का परिधानों पर प्रयोग की शुरुआत देश में सबसे पहले सूरत में शुरू हो गई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बने 12 डिजाइनर का कलेक्शन 9 जुलाई 2023 को हुए बड़े फैशन शो प्रदर्शित भी किया गया। गारमेंट सेक्टर में टेक्नो टेक्सटाइल के उपयोग में एआई के प्रयोग पर संभवत पहली बार कॉन्फ्रेंस भी सूरत में पहली बार आयोजित की गई। जिसमें देश के कई नामी फैशन डिजाइनर शामिल हुए। देश में पहली बार ही एआई का पाठ्यक्रम भी सूरत में शुरू होने जा रहा है। इसकी पहली बेच सूरत से ही निकलेगी।

एआई से ऐसे बदलेगा टेक्सटाइल सेक्टर का परिदृश्य :

  • एक परिकल्पना के सैकड़ों ऑप्शन कुछ ही मिनट में कम्प्यूटर पर होंगे। जबकि वर्तमान में कोई डिज़ाइनर मैनुअली एक-दो या 10-20 डिजाइन तैयार कर पाता है। इसमें श्रम के साथ दिन- महीने लग जाते हैं।
  • श्रम, समय व खर्च तो बचेगा ही, सैकड़ों विकल्प भी मिलेंगे। जिससे कई पैटर्न बनेंगे तो फैशन का ट्रेंड भी बदलेगा।
  • बदलते ट्रेंड की मॉनिटरिंग भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ही करेगा।
  • ट्रेंड बदलेगा तो डिमांड बढ़ेगी। इससे व्यापार बढ़ेगा तो रोजगार के अवसर भी बनेंगे।

सूरत को इसकी जरूरत :

महंगाई, मंदी की मार और नई पीढ़ी की बदलती रुचि व ट्रेंड के बीच पिछड़ते जा रहे साड़ी उद्योग और खासकर सूरत को टेक्नो टेक्सटाइल की बहुत जरूरत है। वस्त्र निर्माता और मिल मालिक भी इसको स्वीकार कर चुके हैं। पिछले वर्षों में दर्जनों बड़े साड़ी निर्माता अपना उद्योग गारमेंट सेक्टर में स्विच कर रहे हैं। ऐसे में एआई टेक्सटाइल सेक्टर में वरदान साबित हो सकता है।

3 महीने का कोर्स और नई बैच तैयार :

यह कहना गलत होगा कि एआई लोगों की जॉब चली जाएगी। कंप्यूटर आया था तब भी यही कहा जाता था। स्मार्ट और आईटी फ्रेंडली युवाओं को एक साथ ढेरों जॉब मिलने वाले हैं।

– अंकिता गोयल, डायरेक्टर आईडीटी, सूरत

एआई से कैसे बन सकता है स्मार्ट बिजनेस मॉडल :

कुछ समय पहले खासा खर्च कर टेक्नो टेक्सटाइल में उपयोग आने वाली मशीनें खरीदी थी। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग होता है। आज इसके जरिए कहां से कितना माल वापस आया या गया, कितना पैसा आया-गया, ए,बी या सी में क्लाइंट का वर्गीकरण एआई ही कर देता है। ग्राहकों के साथ स्टॉक, डिमांड, ट्रेंड और प्रोडक्शन पर भी एआई निगरानी करता है। एआई कमांड देने या कपड़े का नमूना स्कैन कर देने से ही जीरो एरर व एक्यूरसी के साथ के साथ हुबहू कंप्यूटर आधारित मिक्सर ग्राइंडर मशीन पर सेम कलर तैयार कर देता है।

– संजय सरावगी, वस्त्र निर्माता सूरत

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