

वस्त्रोद्योग और जहाज़ निर्माण यहां के मुख्य उद्योग थे। अंग्रेज़ों ने 1612 में पहली बार अपनी व्यापारिक चौकी यहीं पर स्थापित की थी। यहाँ के सूती, रेशमी, जरीदार वस्त्र तथा सोने व चांदी की वस्तुएं प्रसिद्ध थे।
17वीं सदी में ईस्ट इंडिया कंपनी ने यहां कदम रखा तो उसका मकसद काली मिर्च का व्यापार था। हालांकि सूरत उस वक्त 84 देशों के साथ व्यापार करता था, लेकिन यह कारोबार मसालों को लेकर था। जानकारों के मुताबिक शहर में उस वक्त भी कपड़े का कारोबार होता होगा, लेकिन सूरत की पहचान कपड़ा उद्योग से नहीं थी।