
भारत में बिजली की खपत इस वित्तीय वर्ष (FY24) में अप्रैल-जनवरी अवधि में 7.5 प्रतिशत सालाना (YoY) बढ़कर 1354.97 बिलियन यूनिट (बीयू) हो गई, जो आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी का संकेत है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह 1505.91 बीयू था। एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी में आर्थिक गतिविधियों में सुधार और शीत लहर की स्थिति के कारण बिजली की खपत में स्थिर वृद्धि की भविष्यवाणी विशेषज्ञों द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में बिजली की खपत बढ़ी, जिसका मुख्य कारण आर्द्र मौसम और त्योहारी सीजन से पहले औद्योगिक गतिविधियों में तेजी है। उनका मानना है कि इस वित्तीय वर्ष के दौरान देश में बिजली की खपत के साथ-साथ मांग में भी लगातार वृद्धि होगी। आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल जनवरी में बिजली की खपत सालाना आधार पर 5.4 प्रतिशत बढ़कर 133.18 बीयू हो गई। अधिकतम बिजली की मांग पूरी हुई – एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति – जनवरी में बढ़कर 222.32 गीगावॉट हो गई। जनवरी 2023 में अधिकतम बिजली आपूर्ति 210.72 गीगावॉट और जनवरी 2022 में 192.18 गीगावॉट थी। बेमौसम बारिश के कारण अप्रैल-जुलाई में मांग अनुमानित स्तर तक नहीं पहुंची.